वो शख्स जो गिरफ्तार है मेरे जेहन में हर दिन बस यही दुवा मांगता है कि मैं उसे आजाद कर द…
Read moreअब ऐसे राम पैदा नहीँ होते ! लंकेश दशानन अधिपति लंका का ज्ञानी धरती का महा…
Read moreकहीं घरों में दाल नही है , रोटी के भी लाले है। कहीं महफिलें जमी हुयी हैं , सब…
Read moreप्रश्न चिन्ह ? निराशाओं के झुंड में जब आशा का कोई बादल नजर आता , त…
Read moreक्योंकि तुम मजदूर हो ! मीलों पैदल चलने की सोच कर शहर से निकलते वक़्त तुम यहीं सोचते हो ना की इस शहर…
Read moreदिन भी मेरे रात से तन्हा है दिन भी मेरे रात से तन्हा है उसमे भी तेरा साथ कहां…
Read moreउसकी आवाज में दर्द था उसकी आवाज में दर्द था रोती हुई आँखे और …
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